Surender Sharma
The name Surendra Sharma is like a member of the family for the listeners of Kavi Sammelan. His face seems to be recognized by everyone. We can call Surendra Sharma ji the first star poet of Hasya Kavi sammelan. In the 90s, Surendra Sharma had become synonymous with the Hasya Kavi Sammelan. Kavi Sammelan of Surendra Sharma is considered a guarantee of success in itself.
सुरेंद शर्मा ( संक्षिप्त परिचय )
जन्म तिथि : 29 जुलाई 1945;
जन्मस्थान : नांगल चौधरी, Haryana
एक शख़्स जिसने जीवन की विसंगतियों पर लोगों को हँसने का माद्दा दिया | खुद पर हँसना सिखाया | परिवार और समाज की उन छोटी छोटी बातों से हँसने के वो टोटके निकाले जिन पर लोग अक्सर गंभीर हो जाते हैं | नाम तो आपने सुना ही होगा श्री सुरेंद्र शर्मा | शब्द और बॉडी लैंग्वेज का कॉकटेल और देर तक और दूर तक हँसी | ये कमाल सिर्फ सुरेंद्र शर्मा जी को हासिल है | पदमश्री (Padamshree)( भारत सरकार ) सम्मान से सम्मानित सुरेंद्र जी को इसके अतिरिक्त दर्जनों सम्मान और पुरुस्कार मिल चुके हैं | जैसे (KAKA HATHRASI) काका हाथरसी सम्मान, ( HINDI AKADMI ) दिल्ली , हरियाणा गौरव ( SAHITY AKADMI ) Haryana Government ,Manhar Thahaka सम्मान, Gemini Haryanvi सम्मान, Omprakash Aditya सम्मान इसके अतिरिक्त और बहुत से सम्मान और पुरुस्कार सुरेन्द्र जी को मिल चुके हैं | सुरेंद्र जी कई फिल्मों में बतौर हास्य कलाकार काम कर चुके हैं | Doordarshan से सुरेंद्र शर्मा जी का रिश्ता बहुत नज़दीक का है | SAB TV, BIG FM और Red FM पर (शर्मा जी से पूछो) जैसे अनेक कार्यक्रमों में समय-समय पर अपनी प्रस्तुति देते रहे हैं
When Surendra Sharma ji arrived in the Hindi Kavi Sammelan, at that time the Geet was in vogue in the Kavi Sammelan. The different style of Surendra Sharma ji changed the stream of Kavi Sammelan. The Kavi Sammelan was convert into a Hasya Kavi Sammelan. Today the evening is decorated in the name of Hasya Kavi Sammelan Surendra Sharma.
सुरेंद्र शर्मा जी की कविता
कोई फर्क नहीं पड़ता
कोई फर्क नहीं पड़ता
इस देश में राजा रावण हो या राम,
जनता तो बेचारी सीता है
रावण राजा हुआ
तो वनवास से चोरी चली जाएगी
और राम राजा हुआ
तो अग्नि परीक्षा के बाद
फिर वनवास में भेज दी जाएगी।
कोई फर्क नहीं पड़ता
इस देश में राजा कौरव हो या पांडव,
जनता तो बेचारी द्रौपदी है
कौरव राजा हुए
तो चीर हरण के काम आएगी
और पांडव राजा हुए
तो जुए में हार दी जाएगी।
कोई फर्क नहीं पड़ता
इस देश में राजा हिन्दू हो या मुसमान,
जनता तो बेचारी लाश है,
हिन्दू राजा हुआ
तो जला दी जाएगी
और मुसलमान राजा हुआ
तो दफना दी जाएगी।
Jokes on the Hindi Manch are the product of this era. Spontaneously generated comments in common speech started getting a place on the Manch. Slowly the trend started changing. Today there are more comic poets on the stage of Kavi Sammelan. Surendra Sharma ji has played a major role in the present form of Kavi Sammelan. Even today he is fully active on the stage.
His present humor gives dignity to the Kavi sammelan. Surendra Sharma ji is that dignified personality for Kavi Sammelan whose name is discussed among common people more than poets. Presently every comic poet wants to achieve the height on which Surendra Sharma ji has been sitting for the last four decades. We wish him good health and long life.
If you are interested in organizing a Hasya Kavi Sammelan, we kindly request that you share your preferred dates with us. Together, we can collaborate to ensure a successful event. Please feel free to contact us at +91-801-05-99955 or via email at kavisammelanshow@gmail.com.